देवभूमि उत्तराखण्ड पर्वतीय इलाको में भी अपने पैर पसार रहा है नशे का कारोबार
देहरादून :- वर्षा चमोली की रिपोर्ट :-भारत के राज्य उत्तराखण्ड में भी नशे का कारोबार बढ़ता नज़र आ रहा है इस नशे को लेकर समाज को जागरूक होने की जरुरत है उत्तराखण्ड के कोटद्वार, चंपावत, हल्द्वानी,अल्मोड़ा अन्य पर्वतीय जगहों के आसपास वाले इलाको में बड़े पैमाने में स्मैक का कारोबार किया जा रहा है प्रदेश पुलिस द्वारा ड्रग फ्री देवभूमि के तहत चलाए जा रहे अभियान के तहत चार स्मैक तस्करों को 840 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया है.सभी आरोपी उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर निवासी हैं. आरोपियों ने बताया कि वह स्मैक शाहजहांपुर में तैयार कर पीलीभीत, चंपावत, लोहाघाट और अन्य पर्वतीय जगहों में बेचते हैं. इसके अलावा टनकपुर और बनबसा के रास्ते जाकर नेपाल में भी स्मैक की तस्करी करते हैं.
देवभूमि उत्तराखण्ड पर्वतीय इलाको में धीरे-धीरे ड्रग्स अपना पैर पसार रहा है। एक तरफ सरकार देवभूमि को टूरिज़्म को बढ़ावा देने में प्रयासरत है वही नशे का कारोबार उत्तराखण्ड के पर्वतीय इलाको में अपने पैर पसार चूका है। यदि ऐसे ही नशे का कारोबार बढ़ता रहा तो आने वाली युवा पीढ़ी के लिए ये घातक साबित होगा जहा नशे की लत में युवा आ जाते है वहां अपराध की संख्या भी बढ़ जाती है। पिछले आपराधिक मामलो को देखा जाये तो रेप करने वाले ज्यादातर अपराधी नशा करने वाले ही थे। इसी के कारण रेप केस के आंकड़े बढ़ रहे है।
जहा उत्तराखण्ड सरकार अपनी योजनाओ के विज्ञापन पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही है वही नशे के खिलाफ भी बड़े स्तर पर विज्ञापन देकर इसे रोकना चाहिए सरकार लोगो को नशे के खिलाफ जागरूक में पूरी तरह से नाकामियाब हुई है अब समय आ गया है कि जागरूक बने और नशे के खिलाफ आवाज बुलंद करे। नशे के खिलाफ करे। तभी हम अपने आने वाले पीढ़ी को नशे के दल दल से बचा पाएंगे और अपनी बेटियों को दरिंदगी से।